बचपन !!
ये एक ऐसा समय है , जहाँ से हमारी दुनिया सुरू होती है ।
इस अवश्था का वो एहसास ,वो मौज -मस्ती हमारे यादों से शायद ही भूलाये ।
बचपन मे वो गलियों मे अपने नन्हे मून्हे दोस्तो के साथ खेलना,लोगों को तंग
करना ,खेलते- खेलते झगड़े केर लेना , घेर पर पिताजी से डांट खाना , माँ का
प्यार करना , भाई के साथ झगड़े , हाय !! कितना सुखद एहसास लगता है
ये अब । बचपन हर इन्सान कि ख्वाहीस रहती है । उम्र के ढलने के साथ -साथ
बचपन कि यादें भी ताजा हो जाती हैं । उस वक्त हर एक के दिल से कहीँ ना कहीँ
यही विचार उमड़ते हैं ...............
कुछ बातें मेरे बचपन कि ,
कुछ यादें मेरे बचपन कि ,
कुछ खुसियाँ थी ,कुछ गम भी थे ,
चंद लम्हे थे जो बीत गए ।
कुछ लोग भी हमसे बिछड़ गए ,
अब ना लौट के आएंगे ,बस !
कहीँ दूर हमे छोड़ गए ।
कास कोई लौटा दे मेरा वो प्यारा बचपन !!!!
Tuesday, September 18, 2007
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2 comments:
बचपन की यादें कहाँ कभी साथ छोड़ती हैं.
खुसियाँ=खुशियाँ
कास=काश
लिखते रहिये. स्वागत है हिन्दी चिट्ठाकारी में. निरन्तर लेखन के लिये शुभकामनायें.
धन्यवाद ! गुरू जी ।
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