Wednesday, October 10, 2007

मन को बदले .......

साथियो सब से पहले जय राम जी कि ........
आज मई एक ऐसे विषय पर अपना कुछ अनुभव बाँटना चाहता हूँ , जिसपर बात करने से मई कही भी और कभी भी हिच्किताता नहीमैं अपने जन्मभूमि से बहुत प्यार कर्ता हूँमैं उसकी सही दिल से पूजा कर्ता हूँयाद आते ही आंखो मे आंसू जाते हैजब कोई उसकी बुराई कर्ता है तो तो बस ग़ुस्सा सातवे असमान पे चढ़ जाता है
अब तक तो आप लोग मेरे जज्बतो को समझ ही चुके होंगेजी हाँ , मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँइससे पहले आप लोग कुछ उल्टा सीधा सोचे ,मैं आप को बता दूँ कि कुछ बुरे लोगो को देखकर ही किसी राज्य के स्तर को नही आंकना चाहिऐऐसे ही एक हरियाणा के व्यक्ति से मेरी बहस हो गईदरअसल उस व्यक्ति ने मेरे ही सामने मेरे माँ (जन्मभूमि ) को भला बुरा कह दियामैंने भी आव देखा ताव उसका जवाब देना सुरु कर दियावो आम कहता तो मै इमली से उसका जवाब देताबात बढते बढते इतनी बढ़ गई कि आस पास आठ दस लोग इक्ट्ठे हो गएअंत मे उसने अपने कान पकड़ कर माफी मांगीइस प्रकार मैंने अपने माँ को गाली देने वालो को मुह्तोड़ जवाब दियामैंने कोई बड़ी चीज उससे नही किबस सबसे पहले निडर होके जवाब देना चाहिऐसबसे अहम तो हमे अपने और साथ साथ और धर्म , जति , राज्य, देश के खिलाफ गलत धरना नही रखनी चाहिऐहमे तो सबसे प्यार से रहना चाहिऐदरअसल मानव मन कि चाल ही ऐसी होती हैजहाँ जिस तरह चाहें , हम उसे लगा सकते हैहम उसे अछे अथवा बुरे दृस्तिकोंद दिखा सकते हैंकिसी के घर के बारे मे बुरा कहने के पहले अपने घर को सुधारोफिर जो बुरे हैं उन्हें सुधारो कि उसके खिलाफ बयानबाजी करेंअपनी प्रवृत्ति मे सुधर लाएयेफिर देखिए दुनिया कितनी सुन्दर है